Monday, July 4, 2016

हिंदी बोलने पर मजाक उड़ाया तो इस बिहारी ने लिख डाली 10 अंग्रेजी नॉबेल


बिहार के नक्सल प्रभावित गया के मल्हारी में है सत्यपाल चंद्रा का घर जहां अभी उनके किसान माता-पिता रहते हैं. गरीबी, अपराध प्रभावित इस छोटे से गाँव से निकलकर चंद्रा ने वो काम किया है जो बिहार के युवाओं के लिए आदर्श है.

बिहार के बाहर अक्सर देखा जाता है की भाषा के नाम पर बिहार के लोगों को मजाक बनाया जाता है. कुछ ऐसा ही घटना सत्यपाल चन्द्रा के साथ घटी जिससे उन्हें गहरी चोट पहुंची और फिर दिखा दिया की भाषा का ज्ञान कोई बड़ी बात नही है। 
2011 में सत्यपाल ने 24 साल की उम्र में अपनी पहली नॉवेल लिखी थी ‘The Most Eligible Bachelor’. आतंकवाद, प्यार और युवाओं पर आधारित यह पहली नॉवेल ही ‘बेस्टसेलिंग’ बन गई. उसके बाद उन्होंने एक पर एक 9 किताबें लिख डाली. 2012 में उन्होंने 6 नॉवेल लिखी. सत्या अपनी किताबों में धर्म, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद, युवा सोच, क्राइम, ड्रामा के साथ ही प्यार और रोमांस का बेहतरीन तालमेल करते है. हाल में ही उनकी 10वीं नॉवेल ‘When Heaven Falls Down’ रिलीज़ हुई है. सत्या ने अपनी स्कूली पढाई झारखण्ड से करने के बाद गया के अनुग्रह नारायण कॉलेज से इंटर किया. इसके बाद वो हर बिहारी की तरह IAS बनने की तमन्ना लिए दिल्ली चले गए जहां उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने दिल्ली में एक प्रतिष्ठित कंपनी में नौकरी भी की लेकिन उनका मन कहीं न कहीं लिखने की ओर था. हिंदी माध्यम से अपनी पढ़ाई करने वाले सत्या ने एक न्यूज़पेपर से बात करते हुए बताया कि एक बार जब वो दिल्ली में किसी रेस्टोरेंट में बैठे थे तो वहाँ के वेटर ने हिंदी में आर्डर देने वालों का मजाक उड़ाया. तभी उन्होंने ठान लिया कि उन्हें भी इंग्लिश जाननी चाहिए और फिर उन्होंने 6 महीने मेहनत करके ये भाषा सीखी. बिहार के अंदरूनी और बेहद पिछड़े इलाके से आने वाले चंद्रा ने करप्शन, जातिवाद, अपराध के साथ साथ बेरोजगारी और गरीबी को भी काफी नजदीक से देखा है. यही वजह है कि उनकी किताबों में युवा सोच, सपनों और रोमांस के साथ साथ देश-समाज के ये घिनौने सच भी साथ साथ चलते हैं. पढ़ें: बिहार के इस लड़के ने बनायी दुनिया की पहली ‘स्मार्ट-वाच’ कंपनी सत्या की नई नॉवेल ‘When Heaven Falls Down’ साम्प्रदायिकता, लव जिहाद, मेडिकल प्रोफेशन में करप्शन जैसे मुद्दों पर लिखी गयी है. इस किताब के एक भाग पर आपत्ति जताते हुए मुस्लिम संगठनों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी. गया में उनके घर पर पत्थर फेंके गए और जगह जगह धमकी भरे पोस्टर लगाए गए. इन सबसे बेपरवाह सत्यपाल कहते हैं कि, ‘बिहार अभी तक बदला नहीं है. अपराध, करप्शन के साथ लोगों की मानसिकता, सब अपनी जगह वहीँ हैं.’ मानवता को ही अपना धर्म मानने वाले सत्या सभी धर्मों का आदर करते हैं. कई मानवाधिकार संगठनों के सदस्य और एक मोटीवेशनल स्पीकर के रूप में जाने जानेवाले चंद्रा राइटिंग के साथ अब फिल्मों में भी गाने और स्क्रिप्ट लिखने जा रहे हैं. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर xplorationworld नाम की कंपनी बनायीं है जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करती है. सभी जाति, धर्म में शांति के साथ सहयोग की भावना होने की अपेक्षा रखने वाले चंद्रा हिंदी और अंग्रेजी के अलावा उर्दू और संस्कृत विषयों में भी गहरी रूचि रखते हैं. 
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2 comments:

  1. bihari koi bhasha nahi hai.....bhasha hai magahi maithili. bhojpuri isleye Yeh mat bolo ki bihari bhasha me Nobel likha

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  2. Grt achievement we all proud on u .ek Bihari sab PE bhari

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