Thursday, July 7, 2016

देश में शांति के अपिल के लिए बिहार के शंभू ने की 116 दिनों में 3 हजार किमी की पैदल यात्रा।

समस्तीपुर.देश-दुनिया में शांति के लिए मन में विश्वास लिए समस्तीपुर के कल्याणपुर थानांतर्गत सोरमार बघला गांव निवासी शंभू ठाकुर के 27 वर्षीय पुत्र अमित कुमार 116 दिनों में 3000 किमी का सफर तय कर वापस लौट आए। उनका यह सफर बीते 26 फरवरी को गांव से ही शुरू हुआ जो सात राज्यों के 35 जिले से होकर 21 जून को देश की सीमा जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिला अंतर्गत लखनपुर थाना पहुंचकर खत्म हुआ। हिमाचल में ऐसे बची जान...

- इस लंबी यात्रा के दौरान अमित जहां भी ठहरे वहां लोगों को आपस में भाईचारा कायम करने और सौहार्द बनाए रखने का संदेश दिया।
- राह चलते भी लोगों के पूछने पर यही संदेश वांचते चले। हालांकि, इस यात्रा में उन्हें कई जगहों पर काफी परेशानियां भी हुई।
- मगर, वे पीछे मुड़कर नहीं देखे। सैकड़ों लोगों ने इनके जज्बे को सलाम किया।
- एलएनएमयू, दरभंगा से गणित स्नातकोत्तर अमित का उद्देश्य शिक्षक बनना था।
- मगर, बाद में इनका उद्देश्य बदला और ये समाज सेवा की ओर मुखातिब हुए।
- इसकी शुरूआत इन्होंने पदयात्रा के जरिए करने की ठानी। इसके लिए डीएम और एसडीओ को पत्र लिखा और 24 को हरी झंडी दिखाने का आग्रह किया।
- मगर, ऐसा नहीं हुआ। जब 25 फरवरी की रात में डीएम प्रणव कुमार ने पदयात्रा के लिए उन्हें शुभकामनाएं दी और उत्साहवर्धन हुआ।
- तब 26 फरवरी की सुबह गांव से निकल पड़े। एसडीओ सदर कुमार देवेंद्र प्रौज्जवल के निर्देश पर चकमेहसी (कल्याणपुर) थाना पुलिस ताजपुर थाना क्षेत्र तक पहुंचा दी।
- अमित बताते हैं कि रास्ते में बुखार लग गया। तब वे 4 अप्रैल को यूपी के बाराबंकी जिला के मंगूपुर गांव में शिक्षक बिजेंद्र बहादुर सिंह के घर पर रुके।
- दवाइयां ली और अगले दिन आगे निकल पड़े। यात्रा के दौरान दिन में जहां भी रुके, वहीं लोगों के बीच कौतूहल के विषय बने रहे।
- रात्रि विश्राम गांव के मुखिया के यहां किए जहां जमा लोगों को अपने पदयात्रा के बारे में बता सकें।
लोग साथ आते गए और कारवां...

- पदयात्रा की शुरुआत अमित अकेले ही किए थे। मगर, जब आगे बढ़े तो वैशाली जिला के सतीश सिंह व रामबाबू पासवान साथ हुए।
- इसी प्रकार पठान कोट तक कभी दो तो कभी पांच आदमी अमित की यात्रा में साथ चलते रहे। कोई 5, 10 तो कोई 20 किमी तक साथ चले।
- बिहार के 6 जिले, यूपी के 19, उत्तराखंड के 1, हरियाणा के 3, हिमाचल के 4 एवं पंजाब के एक जिला को पार कर अमित जम्मू-कश्मीर पहुंचे।
पानी पीकर मंदिर में गुजारी रात

- पदयात्रा पर निकले अमित यूपी के मऊ जिले के सूरजपुर गांव में 12 मार्च को शाम के 7 बजे पहुंचे। वहां काफी दूर तक लोग नजर नहीं आए।
- वहीं पास में हनुमान जी की एक छोटा-सा मंदिर था। वहीं पानी पीकर सो गए।
- हरिद्वार जिला में 6 मई को बालावाली गांव व 9 मई को मंगलौर गांव के मजार में भी भूखे रह कर रात गुजारनी पड़ी। सफर के दौरान करीब 10 रातें इसी प्रकार गुजरीं।
...और हिमाचल में बची जान

- हिमाचल के कांगड़ा जिले में 31 मई को पहुंचने के बाद पहाड़ों की ऊंचाई भी अमित के हौसले को कम नहीं कर सकी।
- पहाड़ी पर चढ़ाई के दौरान पैर फिसला। गिर पड़े। इससे हाथ में चोट आई। पास में कोई दवा भी नहीं थी।
- फिर भी शांति के संदेश में रुकावट न आने देने को वह आगे बढ़ते रहे। कुछ दूर बाद एक स्वास्थ्य केंद्र मिला, जहां दर्द की दवा लेकर आगे बढ़ गए।
- अमित बताते हैं कि देश में संवेदनशील व्यक्तियों की कमी नहीं है।

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