बिहार में ऐसे-ऐसे ज्ञानी बच्चे मिलेंगे की आप देखकर आश्चर्य में पड़ जायेंगे।
बिहार के गया जिले के सिद्धांत वत्स को आप शायद न जानते हों, लेकिन दुनिया भर की टेक कंपनियां उन्हें जानती हैं. 20 साल के सिद्धांत को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा मिलने बुला चुके हैं और अपने देश के पीएम ऑफिस से भी उन्हें ‘बेस्ट युवा उद्यमी’ का अवार्ड मिल चूका है.
20 वर्ष का सिद्धांत वत्स ने दुनिया की पहली ‘स्मार्ट-वाच’ कंपनी ‘एंड्रायडली सिस्टम्स’ बनायी है जो एंड्रायड पर चलने वाली घड़ियाँ बनाती है. उन्होंने ही अपने दो और दोस्तों के साथ मिलकर दुनिया की पहली स्मार्ट वाच ‘एंड्रायडली’ बनायी थी. इन घड़ियों से आप समय देखने के अलावा फोन कॉल कर सकते हैं, इन्टरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, व्हाट्सएप्प चला सकते हैं.
12 साल की उम्र में सिद्धात अपने से छोटे बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा देने लगे थे. बाद में उन्होंने अपनी माँ द्वारा चलाये जा रहे एनजीओ ‘फलक फाउंडेशन’ के लिए काम किया. शिक्षा, हेल्थ और सामाजिक कार्यों से जुडी इस संस्था के लिए उन्होंने ब्लड डोनेशन कैंप चलाये और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई.
अपने सपने को पूरा करने के लिए हाई स्कूल की पढाई तक छोड़ देने वाले सिद्धांत का मानना है कि लोगों, खासकर युवाओं को अपने सपनों के लिए ही जीना चाहिए. उनके अनुसार युवाओं के सपने पुरे न होने में सबसे जिम्मेदार परिवार और समाज के वो लोग हैं जो आपको नकारात्मक सलाह देते हैं.
दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनियों के कांफ्रेंस में अपनी स्पीच दे चुके सिद्धांत हमेशा अपने दिल की करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहते हैं जहाँ दुनियाभर के लोग अपनी सफलता की कहानियाँ एक दुसरे के साथ शेयर करें. लोगों की इन कहानियों को देख, सुन, समझ कर स्कूल और कॉलेज के बच्चों को बहुत फायदा होगा, ऐसा उनका मानना है.
बिहार के गया जिले के सिद्धांत वत्स को आप शायद न जानते हों, लेकिन दुनिया भर की टेक कंपनियां उन्हें जानती हैं. 20 साल के सिद्धांत को अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा मिलने बुला चुके हैं और अपने देश के पीएम ऑफिस से भी उन्हें ‘बेस्ट युवा उद्यमी’ का अवार्ड मिल चूका है.
20 वर्ष का सिद्धांत वत्स ने दुनिया की पहली ‘स्मार्ट-वाच’ कंपनी ‘एंड्रायडली सिस्टम्स’ बनायी है जो एंड्रायड पर चलने वाली घड़ियाँ बनाती है. उन्होंने ही अपने दो और दोस्तों के साथ मिलकर दुनिया की पहली स्मार्ट वाच ‘एंड्रायडली’ बनायी थी. इन घड़ियों से आप समय देखने के अलावा फोन कॉल कर सकते हैं, इन्टरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं, गाने सुन सकते हैं, व्हाट्सएप्प चला सकते हैं.
12 साल की उम्र में सिद्धात अपने से छोटे बच्चों को कंप्यूटर की बेसिक शिक्षा देने लगे थे. बाद में उन्होंने अपनी माँ द्वारा चलाये जा रहे एनजीओ ‘फलक फाउंडेशन’ के लिए काम किया. शिक्षा, हेल्थ और सामाजिक कार्यों से जुडी इस संस्था के लिए उन्होंने ब्लड डोनेशन कैंप चलाये और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई.
अपने सपने को पूरा करने के लिए हाई स्कूल की पढाई तक छोड़ देने वाले सिद्धांत का मानना है कि लोगों, खासकर युवाओं को अपने सपनों के लिए ही जीना चाहिए. उनके अनुसार युवाओं के सपने पुरे न होने में सबसे जिम्मेदार परिवार और समाज के वो लोग हैं जो आपको नकारात्मक सलाह देते हैं.
दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनियों के कांफ्रेंस में अपनी स्पीच दे चुके सिद्धांत हमेशा अपने दिल की करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा प्लेटफार्म बनाना चाहते हैं जहाँ दुनियाभर के लोग अपनी सफलता की कहानियाँ एक दुसरे के साथ शेयर करें. लोगों की इन कहानियों को देख, सुन, समझ कर स्कूल और कॉलेज के बच्चों को बहुत फायदा होगा, ऐसा उनका मानना है.
I proud of you.
ReplyDeleteProud of you
ReplyDeletedoing great job
ReplyDeleteReply great
ReplyDeleteCongratulation my bihari bro i proud of u
ReplyDeletewow bro
ReplyDeleteGreat job
ReplyDeleteCongratulations I proud of you your dreams come to be true
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